Saturday, March 10, 2018

जब दिल से दिल को राह होती है| Romantic Poetry


ब दिल से दिल को राह होती है 
एक की तड़प दोसरे की आह होती है 

बात करने की नौबत तो आती नहीं 
एक नजर दोसरे की निगाह होती है


दूर होके भी वह कुछ कुछ पास होती है
अक्ल दिल की बात से आगाह होती है 

चरों सिम्त से आजाती है मदद 
शायद अगर किसी को चाह होती है

वह खुद ही चल कर आती है इतने करीब 
मंजिल मुसाफिर के सफ़र में जाद-ए-राह होती है 

जिस राह उठे थे तुम्हारे क़दम "फुर्सत"
वह उनकी आम सी गुजर गाह होती है 


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