Hindi Gazal New Love Poetry
Hindi Gazal
मेरे महबूब तुझ से गिला कुछ नहीं
लेले दिल का पयाम आखरी आखरी
आजा एक दुसरे से गले मिलकर हम
कर लें बातें तमाम आखरी आखरी
हिचकियाँ बंध गई आखरी सांस है
मुझको तेरी जुदाई का अहसास है
मेरे नजदीक इक भीड़ सी है लगी
तुझको मेरा सलाम आखरी आखरी
आ भी जा इक नजर देख लूँ तुझे
अब तो पलकें झुकी जा रही है मेरी
अपने हाथों से आकर पिला मुझे
ये मोहब्बत का जाम आखरी आखरी
अब तुझे ढूूंढती हैं निगाहें मेरी
तेरे खातिर हैं बेचैन बाहें मेरी
याद करती हैं उसको (निगार) आज फिर
मेरी जुल्फों की शाम आखरी आखरी
::SAIMA NIGAR::
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Romantic Poetry
प्यार को प्यार के रंगों में मिलाकर लिखना
ख़त उसे लिखना तो तितली के परों पर लिखना
दोस्ती क्या है ये दुनिया को भी अंदाज़ा लगे
ख़त उसे लिखना तो दुश्मन के पते पर लिखना
Anjum Rahabar
Romantic Poetry
तोड़कर हर कसम आपके शहर में
आगये आज हम आपके शहर में
इक न इक दिन मुलाकात हो जाएगी
आते रहते हैं हम आपके शहर में
जो मेरे आंसुओं का लिखा पढ़ सके
लोग ऐसे हैं कम आपके shahar में
शहर ये आपका है हमारा नहीं
भूल जाते हैं हम आपके शहर में
ऐसे वैसे कई देखते देखते
हो गए मोहतरम आपके शहर में
आप इतनी मोहब्बत करेंगे अगर
मर ही जायेंगे हम आपके शहर में
होके वो रह गया आपके शहर का
जिसने रख्खा क़दम आपके शहर में
ये तमन्ना है अंजुम चलेंगे कभी
आपके साथ हम आपके शहर में
Anjum Rahabar
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