Heart Tech Love Poetry |
Heart Tech Love Poetry
Love Poetry
जब किसी की तरफ दिल झुकने लगे
बात आ कर जुबां तक रुकने लगे
आँखों आँखों में इक़रार होने लगे
बोल दो गर तुम्हें प्यार होने लगे
बात आ कर जुबां तक रुकने लगे
आँखों आँखों में इक़रार होने लगे
बोल दो गर तुम्हें प्यार होने लगे
चाहने जब लगे दिल किसी की ख़ुशी
दिल लगी ये नहीं, ये है दिल की लगी
आँधियों को दबाने से क्या फ़ायदा
प्यार दिल में छुपाने से क्या फ़ायदा
जां से प्यारा जब दिलदार होने लगे
बोल दो गर तुम्हें प्यार होने लगे
उसकी खुश्बू अगर अपनी साँसों में हो
उसका सपना अगर अपनी आँखों में हो
जब ना दिल के बहलने की सूरत लगे
जब कोई ज़िंदगी की ज़रूरत लगे
और जीना भी दुश्वार होने लगे
बोल दो गर तुम्हें प्यार होने लगे
जब किसी की तरफ दिल झुकने लगे||
Love Poetry |
Heart Tech Love Poetry
ये प्यारा सा जो रिश्ता है
कुछ मेरा है, कुछ तेरा है
कहीं लिखा नहीं, कहीं पढ़ा नहीं
कहीं देखा नहीं, कहीं सुना नहीं
फिर भी जाना पहचाना है
कुछ मेरा है, कुछ तेरा है
कुछ मासूम सा, कुछ अलबेला
कुछ मेरा है, कुछ तेरा है
कुछ मेरा है, कुछ तेरा है
कहीं लिखा नहीं, कहीं पढ़ा नहीं
कहीं देखा नहीं, कहीं सुना नहीं
फिर भी जाना पहचाना है
कुछ मेरा है, कुछ तेरा है
कुछ मासूम सा, कुछ अलबेला
कुछ मेरा है, कुछ तेरा है
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Love Poetry
मेरे होंठों का लरजना तुम सुन लो,
इस बेताब दिल का धड़कना तुम सुन लो
धधकती साँसों को महसूस तुम कर लो
मचलते जज़्बातो को ज़रा तुम थाम लो
बेरंग मंज़र को मुहब्बत से रंगीन तुम कर दो
इश्क की सुर्ख़ी मेरे दिल में तुम भर दो
बेलगाम हसरतों को अपनी आग़ोश में तुम ले लो
मदहोश हूँ मैं, अपने पहलु में तुम छुपा लो
मेरे पलकों से चंद मोती तुम चुन लो
कुछ ख़्वाब संग मेरे तुम बुन लो
अनकहे लफ़्ज़ों को तुम पढ़ लो
ख़ामोश से मेरे अल्फ़ाज़ों को तुम सुन लो
मेरी जुम्बिश ए लब ज़रा तुम देख लो
इन लबों की थरथराहट का तुम अहसास कर लो
अनकहे लफ़्ज़ों को तुम पढ़ सको तो पढ़ लो
ख़ामोश से मेरे अल्फ़ाज़ों को ज़रा तुम सुन लो
मेरे होंठों का लरजना तुम सुन लो
इस बेताब दिल का धड़कना तुम सुन लो।
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इस बेताब दिल का धड़कना तुम सुन लो
धधकती साँसों को महसूस तुम कर लो
मचलते जज़्बातो को ज़रा तुम थाम लो
बेरंग मंज़र को मुहब्बत से रंगीन तुम कर दो
इश्क की सुर्ख़ी मेरे दिल में तुम भर दो
बेलगाम हसरतों को अपनी आग़ोश में तुम ले लो
मदहोश हूँ मैं, अपने पहलु में तुम छुपा लो
मेरे पलकों से चंद मोती तुम चुन लो
कुछ ख़्वाब संग मेरे तुम बुन लो
अनकहे लफ़्ज़ों को तुम पढ़ लो
ख़ामोश से मेरे अल्फ़ाज़ों को तुम सुन लो
मेरी जुम्बिश ए लब ज़रा तुम देख लो
इन लबों की थरथराहट का तुम अहसास कर लो
अनकहे लफ़्ज़ों को तुम पढ़ सको तो पढ़ लो
ख़ामोश से मेरे अल्फ़ाज़ों को ज़रा तुम सुन लो
मेरे होंठों का लरजना तुम सुन लो
इस बेताब दिल का धड़कना तुम सुन लो।
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