Hindi Gazal' Love Poetry' Large Collection
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Hindi Gazal'
शमा उलफत की सरे राह जलाई मैं ने।
रसमे दुनिया भी मोहब्बत भी निभाई मैं ने।।
रसमे दुनिया भी मोहब्बत भी निभाई मैं ने।।
हर घड़ी याद सताती रही तेरी मुझको।
क्या खबर तुझको सही⬂⬂ कैसे जुदाई मैं ने।।
क्या खबर तुझको सही⬂⬂ कैसे जुदाई मैं ने।।
ऐ मेरे यार तेरा हुस्न बढ़ाने को किया।
खून से अपने तेरा हाथ हिनाई मैं ने।।
खून से अपने तेरा हाथ हिनाई मैं ने।।
दिल की दीवारों पे तसवीर सजा कर तेरी।
तेरी फुरक़त में भी हर शाम सजाई मैं ने।।
तेरी फुरक़त में भी हर शाम सजाई मैं ने।।
दास्तां अपनी मोहब्बत की सुनाकर मनज़र।
बज़म में अपनी हंसी खुद ही उड़ाई मैं ने।
⭅⭅⭅⭅एम. एस. आज़मी⬂⬂⬂⬂
❤✮Love Quotes✮❤
उसकी आँखों में मेरी मोहब्बत की चमक आज भी है ,
पर उसको मेरी मोहब्बत पर शक आज भी है।
नाव पर बैठ कर हाथ धोये थे उसने ,
उस तालाब में उसकी मेंहदी की महक आज भी है।
बहुत तन्हाई है मेरे गमो में मगर ,
मेरी यादो में उसकी पायल की छनक आज भी है।
वो कहती हैं, अब कुछ पहले सा नहीं है,
मगर हम मिलते थे जहा , वो जमी वो फलक आज भी है।
लाख कोशिश करे वो अपनी मोहब्बत को नफरत से छुपाने की मगर ,
उसकी नफरत में मेरी मोहब्बत की झलक आज भी है।
छू तो नहीं पाया उसे प्यार से कभी,
पर मेरे होठों पर उसके होठों की झलक आज भी है।
हर बार पूछते है, हमारी चाहत का सबब,
वैसी ही इश्क की ये परख आज भी है।
नहीं रह पाते वो भी हमारे बिना,
दोनों तरफ इश्क की दहक आज भी है
_________________________________________________________________________पर उसको मेरी मोहब्बत पर शक आज भी है।
नाव पर बैठ कर हाथ धोये थे उसने ,
उस तालाब में उसकी मेंहदी की महक आज भी है।
बहुत तन्हाई है मेरे गमो में मगर ,
मेरी यादो में उसकी पायल की छनक आज भी है।
वो कहती हैं, अब कुछ पहले सा नहीं है,
मगर हम मिलते थे जहा , वो जमी वो फलक आज भी है।
लाख कोशिश करे वो अपनी मोहब्बत को नफरत से छुपाने की मगर ,
उसकी नफरत में मेरी मोहब्बत की झलक आज भी है।
छू तो नहीं पाया उसे प्यार से कभी,
पर मेरे होठों पर उसके होठों की झलक आज भी है।
हर बार पूछते है, हमारी चाहत का सबब,
वैसी ही इश्क की ये परख आज भी है।
नहीं रह पाते वो भी हमारे बिना,
दोनों तरफ इश्क की दहक आज भी है
Hindi Poetry For woman
इस जहान को खुबसूरत बनाती है नारी
अपनी परवाह नही उसे सबको खुश रखती है नारी
ममतामयी माँ बन बच्चों पर प्यार लूटाती है नारी
घर परिवार को एक सूत्र में बांधे रखती है नारी
घर के हर सदस्य का ख्याल रखती है नारी
दोनो कुलों का मान सम्मान बढाती है नारी
इस जहान में त्याग और ममता की मूरत है नारी
इस समाज का एक मजबूत स्तम्भ है नारी
खुदा की बख्शी हुईं एक खुबसूरत नेमत है नारी
Hindi Love Poetry'
चलो हम मोहब्बत का इकरार करलें
तकाज़ा अगर है तो हम प्यार करलें
तकाज़ा अगर है तो हम प्यार करलें
सुना है मोहब्बत है नेमत खुदा की
इस रिश्ते हक़ीक़ी का दीदार करलें
बहा कर न ले जाए नफरत का दरिया
मोहब्बत की कश्ती से हम पार करलें
मोहब्बत की कश्ती से हम पार करलें
अगर साफ दिल से वो करता है वादा
तो लाज़िम है हमपर हम ऐतबार करलें
तो लाज़िम है हमपर हम ऐतबार करलें
अगर भूल उससे हुई है कहीं तो
कहाँ का ये इंसाफ तकरार करलें
कहाँ का ये इंसाफ तकरार करलें
बड़ी खूबसूरत बनाई है दुनिया
खुदा की खुदाई का इकरार करलें
खुदा की खुदाई का इकरार करलें
Hindi Love Poetry'
न जाने कौन था जिसकी तलाश करता था
मैं इक हुजूम में रहकर भी कितना तन्हा था।
मैं इक हुजूम में रहकर भी कितना तन्हा था।
जब अपने आप की मुझको बहुत ज़रूरत थी
मैं अपने आप से उस मरहले पे बिछड़ा था।
मैं अपने आप से उस मरहले पे बिछड़ा था।
अजीब वक़्त है अब ख़्वाब में भी आता नहीं
वो एक शख़्स जो आँखों में जागा करता था।
वो एक शख़्स जो आँखों में जागा करता था।
न जाने क्या हुआ दरिया की शोख़ लहरों को
गुज़िश्ता साल तो ये साहिलों से लिपटा था।
गुज़िश्ता साल तो ये साहिलों से लिपटा था।
चराग़ रक्खा था गुमनामी के अँधेरे में
हरेक सम्त मगर रौशनी का चर्चा था।
हरेक सम्त मगर रौशनी का चर्चा था।
Hindi Love Poetry'
उनकी आँखों ने कुछ कहा शायद
मेरी आँखों ने कुछ सुना शायद
मेरी आँखों ने कुछ सुना शायद
होंठ उनके भी बढ़े मेरे भी
बीच में आ गई हया शायद
उनके सीने से हटा था आँचल
उड़ा गई कोई हवा शायद
उड़ा गई कोई हवा शायद
इलाजे दिल यहाँ करता है कोई
बुलाओ दे हमें दवा शायद
बुलाओ दे हमें दवा शायद
हाल बेहाल क्यों हुआ अपना
हमसे नाराज़ हैं खुदा शायद
हमसे नाराज़ हैं खुदा शायद
बदले बदले हुए तेवर उनके
होने वाले हैं अब जुदा शायद
होने वाले हैं अब जुदा शायद
Hindi Romantic Poetry'
मैं पशेमाँ सवाल करके था
उसके जानिब से यूँ जवाब आया
पशेमाँ - शर्मिंदा
उसके जानिब से यूँ जवाब आया
पशेमाँ - शर्मिंदा
ताब इक आफ़ताब की सहकर
आब भी आसमान पर पहुंचा
आब भी आसमान पर पहुंचा
आज मैं इसलिए भी खुश हूँ मियाँ
इक परिंदा तो बाम पर बैठा
इक परिंदा तो बाम पर बैठा
क्यो करूँ आस तुम से मिलने की
ज़ख़्मे दिल और भी हरा होगा
ज़ख़्मे दिल और भी हरा होगा
मुस्कुराना तो उसकी आदत थी
और मैं भी न जाने क्या समझा
और मैं भी न जाने क्या समझा
नाम भी उसका अब तो याद नहीं
ओर इससे भी क्या बुरा होगा।
ओर इससे भी क्या बुरा होगा।
Hindi Romantic Poetry'
बेसबब दिल नहीं दुखा होगा
आपके साथ कुछ हुआ होगा।
आपके साथ कुछ हुआ होगा।
जिस्म तो भीड़ में जा सकता है
रूह की ख़ामुशी का क्या होगा।
रूह की ख़ामुशी का क्या होगा।
पेड़ की देखभाल जारी है
पेड़ पर अब भी फल लगा होगा
पेड़ पर अब भी फल लगा होगा
चाँद की मौत हो गई होगी
रात ने दिन को छू लिया होगा
रात ने दिन को छू लिया होगा
मैं मुसाफ़िर हूँ इश्क़ का "दानिश"
मेरे तो दिल में आबला होगा
Hindi Romantic Poetry'
आपकी मेहरबानी खुदा की कसम
जान ले लेगी जानी खुदा की कसम
जान ले लेगी जानी खुदा की कसम
हमने देखा है दुनिया को नज़दीक से
रो-रो कटती जवानी खुदा की कसम
आप धोखा ना देंगे यकीं हैं हमें
पर ये दुनिया पुरानी खुदा की कसम
पर ये दुनिया पुरानी खुदा की कसम
पर नहीं पर ये उड़ते हैं आकाश में
दो दिलों की रवानी खुदा की कसम
दो दिलों की रवानी खुदा की कसम
लोग उल्फत को आसाँ समझते हैं अब
प्रीत मुश्किल निभानी खुदा की कसम
प्रीत मुश्किल निभानी खुदा की कसम
हमने देखा है इन्हें जान पर खेलते
बेकदर ज़िन्दगानी खुदा की कसम
बेकदर ज़िन्दगानी खुदा की कसम
Hindi Romantic Poetry'
कुछ तो बोलो के क्या हुआ है दोस्त
बेसबब कौन जागता है दोस्त।
बेसबब कौन जागता है दोस्त।
उसके सीने में क्या है इल्म नहीं
उसके होंठों पे कहकहा है दोस्त।
उसके होंठों पे कहकहा है दोस्त।
रौशनी शब से माँगने वाले
ये तुझे किसका मशविरा है दोस्त।
ये तुझे किसका मशविरा है दोस्त।
नींद टूटे न ये दुआ करना
आज ख़्वाबों का रतजगा है दोस्त।
आज ख़्वाबों का रतजगा है दोस्त।
चाँद सूरज क़रीब आये हैं
इश्क़ को हुस्न ने छुआ है दोस्त।
इश्क़ को हुस्न ने छुआ है दोस्त।
तू है दुनिया का मैं हूँ मौला का
दरमियाँ अपने फ़ासला है दोस्त
दरमियाँ अपने फ़ासला है दोस्त
Hindi Love Quotes'
जिस्म की प्यास मैंने बुझाई मगर
रूह की प्यास तुम बिन बुझा न सका
रूह की प्यास तुम बिन बुझा न सका
लोग मिलते रहे और बिछड़ते रहे
कोई भी प्राण पृष्ठों पे छा न सका
और भी लोग थे ख़ूबसूरत मगर
मन तुम्हारे लिए ही मचलता रहा
तेरी सुधियों को अपने हृदय में बसा
रात दिन गीत ग़ज़लों में ढलता रहा
मैं विरह वेदना में तुम्हारी प्रिये
इक पतंगे की मानिंद जलता रहा.
इक पतंगे की मानिंद जलता रहा.
Hindi Love Quotes'
कम थी गहराई वहाँ डूबे जहाँ
मौत ले आई वहाँ डूबे जहाँ
मौत ले आई वहाँ डूबे जहाँ
होश को मदहोशियों ने खा लिया
लिपटी रुसवाई वहाँ डूबे जहाँ
लिपटी रुसवाई वहाँ डूबे जहाँ
चंद लम्हों ने तमाशा कर दिया
उनकी अंगड़ाई वहाँ डूबे जहाँ
उनकी अंगड़ाई वहाँ डूबे जहाँ
दूर तक देखा मगर कोई न था
उनकी परछाई वहाँ डूबे जहाँ
उनकी परछाई वहाँ डूबे जहाँ
क्या हुआ कैसे हुआ ये क्यों हुआ
रात शरमाई वहाँ डूबे जहाँ
रात शरमाई वहाँ डूबे जहाँ
वो था मेरी ज़िंदगी का शोख़ पल
बर्क लहराई वहां डूबे जहाँ
बर्क लहराई वहां डूबे जहाँ
Hindi Love Quotes'
यूँ ही थोड़े ही तुझे ठुकरा रहा हूँ
मैं अपने आप को पहचानता हूँ
मेरे अंदर कोई आसेब है क्या
मैं अपने आप से क्यूँ डर रहा हूँ
मैं अपने आप से क्यूँ डर रहा हूँ
शजर होने न होने से है क्या फ़र्क़
मैं अपने साए में बैठा हुवा हूँ
मैं अपने साए में बैठा हुवा हूँ
मेरे मरने का मातम करने वालो
मरा थोड़े ही हूँ मैं तो सो रहा हूँ
मरा थोड़े ही हूँ मैं तो सो रहा हूँ
सितम करना मेरी आदत है तो मैं
सितम करते हुए क्यूँ काँपता हूँ
सितम करते हुए क्यूँ काँपता हूँ
यक़ी करता नहीं अब कोई मुझ पर
तो क्या सचमुच मैं इतना गिर गया हूँ
तो क्या सचमुच मैं इतना गिर गया हूँ
Hindi Poem'
चमन में फिर बहार आएगी
हर कली फिर से मुस्कुराएगी
हर कली फिर से मुस्कुराएगी
ये है दस्तूर उसकी कुदरत का
ये जमीं फिर से लहलहाएगी
ये जमीं फिर से लहलहाएगी
खुद वो निगरा है शम्मे वहदत का
हवा कैसी हो क्या बुझाएगी
हवा कैसी हो क्या बुझाएगी
उनकी आँखों में फिर शरारत है
क्या लगी दिल कि रंग लाएगी
क्या लगी दिल कि रंग लाएगी
हमने दिल अपना बिछा रखा है
देखना है क्या वफा आएगी
देखना है क्या वफा आएगी
Hindi Poem'
ख़ुद ब ख़ुद आँखों का सब पानी हवा हो जाएगा
तेरे मेरे दरमियाँ जब राब्ता हो जायेगा।
तेरे मेरे दरमियाँ जब राब्ता हो जायेगा।
तुम किसी भी हाल में मेरी तरफ़ मत देखना
वर्ना लोगों के लिए ये मसअला हो जाएगा।
वर्ना लोगों के लिए ये मसअला हो जाएगा।
आज कुछ क़समें खिलाकर घर बुलाया है उसे
आज उसकी चाहतों का फ़ैसला हो जाएगा।
आज उसकी चाहतों का फ़ैसला हो जाएगा।
मरने वाले कितने ख़ुश थे मरने से पहले यहाँ
क्या ख़बर थी उनको कोई हादसा हो जाएगा।
क्या ख़बर थी उनको कोई हादसा हो जाएगा।
इसलिए मैं हुस्न पर मरता नहीं "दानिश" मियाँ
जानता हूँ हुस्न है इक दिन फ़ना हो जाएगा
जानता हूँ हुस्न है इक दिन फ़ना हो जाएगा
Hindi Poem'
कल तु कहाँ था आज कहाँ है
पंछी तेरी परवाज़ कहाँ है
पंछी तेरी परवाज़ कहाँ है
सौ दो सौ मीलों की दूरी
तय करती आवाज कहाँ है
तय करती आवाज कहाँ है
दुश्मन को भी दोस्त बनाना
वो तेरा अंदाज़ कहाँ है
वो तेरा अंदाज़ कहाँ है
नीव था अहदो वफा का तू ही
वह तेरा एजाज़ कहाँ है
वह तेरा एजाज़ कहाँ है
इल्मो हुनर को बाँटने वाले
सर का तेरे ताज कहाँ है
सर का तेरे ताज कहाँ है
जिस धुन पर ये दुनिया नाचे
वो आवाजो साज कहाँ है
वो आवाजो साज कहाँ है
Hindi Poem'
सब समझते हैं मुझको लाया'नी
आदमी हूँ मैं काम का या'नी।
आदमी हूँ मैं काम का या'नी।
उम्र भर इश्क़ ही किया मैंने
उम्र भर कुछ नहीं किया या'नी।
उम्र भर कुछ नहीं किया या'नी।
कुछ न आएगा अब कहानी में
मेरा किरदार मर गया या'नी।
मेरा किरदार मर गया या'नी।
मुद्दतों बेख़बर रहा ख़ुद से
मुद्दतों तुझमें मैं रहा या'नी।
मुद्दतों तुझमें मैं रहा या'नी।
मैं तुझे सुन न पाया ख़लवत में
मेरे अंदर ही शोर था या'नी।
मेरे अंदर ही शोर था या'नी।
लाया'नी :- अर्थहीन / बेमतलब
Hindi Poetry'
सुबह होती है शाम होती है
दिल की हसरत तमाम होती है
दिल की हसरत तमाम होती है
मौज तो ले गए पैसे वाले
गो कि गुरबत गुलाम होती है
गो कि गुरबत गुलाम होती है
ज़ुबाँ तो खुलते खुलते खुलती है
आँख दिल का पयाम होती है
आँख दिल का पयाम होती है
जवान हो गई लड़की जिसकी
नींद उसकी हराम होती है
नींद उसकी हराम होती है
जिसमें दो शै समा नहीं सकती
क़ल्ब होता है न्याम होती है
क़ल्ब होता है न्याम होती है
Hindi Poetry'
वो बना है पत्थर ही,तो भी यां अक़ीदत है
ये भी इक नज़रिए से ''चाहने में वहशत है
ये भी इक नज़रिए से ''चाहने में वहशत है
एक दिन मुझे तुम भी छोड़ जाओगे जानां
तुम भले न मानो पर सच है ये हक़ीक़त है
तुम भले न मानो पर सच है ये हक़ीक़त है
ज़िंदगी को लिखता है जाने कौन आसानी
ज़िंदगी वो डायन जो सर से पा मुसीबत है
ज़िंदगी वो डायन जो सर से पा मुसीबत है
क्या नहीं कहा उस ने क्या नहीं सुना हम ने
पर कहा नहीं कुछ भी क्योंकि ये इबादत है
पर कहा नहीं कुछ भी क्योंकि ये इबादत है
इश्क़ से कहीं बेहतर हुस्न की है गलबहियां
इश्क़ से मोहब्बत थी हुस्न से मोहब्बत है
इश्क़ से मोहब्बत थी हुस्न से मोहब्बत है
पूछिए तो क्यों अक़्सर हम पे लोग हैं बिफ़रे
'जी !ज़बान से सच ही बोलने की आदत है'
'जी !ज़बान से सच ही बोलने की आदत है'
इक तरफ़ है याद उन की और रात पूनम की
इक तरफ़ ख़ुदा है अऱ इक तरफ़ क़यामत है
इक तरफ़ ख़ुदा है अऱ इक तरफ़ क़यामत है
Hindi Poetry'
न जाने कौन था जिसकी तलाश करता था
मैं इक हुजूम में रहकर भी कितना तन्हा था।
मैं इक हुजूम में रहकर भी कितना तन्हा था।
जब अपने आप की मुझको बहुत ज़रूरत थी
मैं अपने आप से उस मरहले पे बिछड़ा था।
मैं अपने आप से उस मरहले पे बिछड़ा था।
अजीब वक़्त है अब ख़्वाब में भी आता नहीं
वो एक शख़्स जो आँखों में जागा करता था।
वो एक शख़्स जो आँखों में जागा करता था।
न जाने क्या हुआ दरिया की शोख़ लहरों को
गुज़िश्ता साल तो ये साहिलों से लिपटा था।
गुज़िश्ता साल तो ये साहिलों से लिपटा था।
चराग़ रक्खा था गुमनामी के अँधेरे में
हरेक सम्त मगर रौशनी का चर्चा था
हरेक सम्त मगर रौशनी का चर्चा था
Hindi Poetry'
तुम्हारी फ़िक्र में इन्सानियत है
अगरचे ये भी इक हैवानियत है
अगरचे ये भी इक हैवानियत है
तुम्हें ख़ुशियां नवाज़े औ'र मौला
मेरे 'ग़म' में तुम्हीं से क़ैफ़ियत है
मेरे 'ग़म' में तुम्हीं से क़ैफ़ियत है
'ग़मे-जानां में बेदारी-ओ-वहशत
यही तो शायरों की मिल्कियत है
यही तो शायरों की मिल्कियत है
इसे फिर से दिखाया जाए ख़ंजर
हमारे दिल में अब भी नर्मियत है
हमारे दिल में अब भी नर्मियत है
मुआ ये 'दीप' मरता भी नहीं उफ़
इसी से हर-तरफ़ 'मनहूसियत' है
इसी से हर-तरफ़ 'मनहूसियत' है
ये जो मुश्किल है हमपे जां लुटाती
इसी का नाम क्या आसानियत है
इसी का नाम क्या आसानियत है
इसी ने आदमीयत खा ली 'दीपक'
ये हम में जो ये डायन शहरियत है
ये हम में जो ये डायन शहरियत है
Hindi Poetry'
इतना ही हक़ तो दे दिया जाए
अपने साए में बैठने दिया जाए।
अपने साए में बैठने दिया जाए।
कान तरसे हैं शोर सुनने को
दश्त से मुझको भागने दिया जाए।
दश्त से मुझको भागने दिया जाए।
कैसी उजलत है पानी पीने की
प्यास से होंठ सूखने दिया जाए।
प्यास से होंठ सूखने दिया जाए।
मैं बहुत दूर जाने वाला हूँ
उसको जी भर के देखने दिया जाए।
उसको जी भर के देखने दिया जाए।
भूक ज़िंदा है मछलियों की अभी
लाश को और तैरने दिया जाए।
लाश को और तैरने दिया जाए।
आरज़ू किसको है समन्दर की
झील में मुझको डूबने दिया जाए
झील में मुझको डूबने दिया जाए
Love Poem'
लोगों की फितरत है दर्द देने की तो क्या
हमने तो बस प्यार करना सीखा है
हमने तो बस प्यार करना सीखा है
वो अगर भूल भी गए हमें तो क्या
हमनें तो उन्हें दिल की गहराई में बसा रखा है
जब कभी हमें उनकी याद आती है तो
नज़र झुका कर देख लेते है दिल में उनकी तस्वीर को
सुकून सा आ जाता है जरा इस बेकरार दिल को
वरना तो तरसती है निगाह उनके दीदार को
तडपता है ये दिल उन्हीं के प्यार को
जीने का सहारा बना लिया हमने उनकी यादों को
Love Poem'
गुल ने पूछा गुलिस्तां से
आज ये चमन में कैसी बहार आई है
आज ये चमन में कैसी बहार आई है
दिवाने ने कहा डाली से जमकर बरसाओ फूल
आज मेरी जान - ए - बहार आई है
उसने कहा हवाओं से आज गुनगुनाओ
कोई तराना प्यार का तुम भी
कोई तराना प्यार का तुम भी
आज हमारे मिलन की शुभ घड़ी आई है
वो देखो जरा दूर खडी मेरी जां शरमाई है
देखो यूँ न शरमाओ पास चली आओ
आकर बाहों में हमारी समा जाओ
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इस पोस्ट में जिन शायरों की ग़ज़ल और पोएट्री लिखी गई है उनके नाम कुछ इस तरह से हैं
Alam Saba' Raghunandan Sharma Danish' Shayar Gorakhpuri' Msazmi Manzar' दीपक शर्मा 'दीप'
ये सब ग़ज़ल्स और पोएट्री उनके FB Page' से ली गई है
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